Rahu,ketu,Shani Mangal special

 राहु , केतु, शनि और मंगल पर विशेष लेख

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ज्योतिष और न्यूमरोलॉजी की इस फ़ील्ड में राहु (4) ,केतु(7), शनि (8) ,मंगल(9) के नाम पर जो भी भय फैलाए गए है उसपर ज्योतिष की बहोत दुकाने चली है और चल रही है। इस पर बहुत संशोधन हुए है और जागरूकता अभियान भी चल रहा है। इस विषय मै अपनी तरफ से कुछ जानकारी देना चाहूंगा।

                            एक बात यहा स्पष्ट करना जरूरी है कि जो भी उपाय आपको बताया जाए चाहे वह वैदिक हो, पौराणिक हो, शास्त्र संमत हो या किसी भी विद्वान व्यक्ति के द्वारा कहा गया हो परन्तु यदि वह उपाय आपके मन मे,और जीवन मे भय, वहम, अंधश्रद्धा या व्यय का कारण बनता है तो उसके परिणाम में संदेह ही होगा और यदि छोटा सा उपाय भी आप अपनी खुशी से, अच्छे मन से और विश्वास के साथ करोगे तो वह फायदा ही देगा।

                             राहु(4): बीरबल बुद्धि या चतुराई का कारक है। हमे समझना चाहिए के चतुराई और चालाकी में अंतर क्या है? चतुराई का अर्थ बिना किसी का नुकसान किए अपना एवं दुसरो का फायदा करना है। यह न्याय और नैतिकता की रक्षा करती है। चतुराई समष्टि के हित हेतु प्रयोग करने से भलाई के कार्य होते है। और इसके विपरीत चालाकी का अर्थ दुसरो का अहित करके खुद का फायदा करना है , यहां नैतिकता और न्याय का पतन है। यदि व्यक्ति चतुराई से काम करता है तो राहु सदैव सफलता देता है। व्यक्ति को सदैव अपने मूल्यों का जतन करना ओर चतुराई के साथ प्रगति करना राहु (4)सिखाता है। 


केतु(7) : यह अच्छी नियत का कारक है। किसी भी व्यहवार और परमार्थ में अच्छी नियत का बड़ा महत्व है। केतु अच्छी नियत के साथ भलाई करना और अपने अंतर की बात सुनके आगे बढ़ना सीखता है। यह सर्वांगी प्रगति का कारक है। 


शनि(8) : यह महेनत और प्रयत्न का कारक है यह व्यक्ति, वस्तु या घटना ओ का उचित न्याय करता है। यदि हम स्वस्थ जीवन हेतु प्रयत्न करते है तो हम अपने साथ न्यायपूर्वक व्यहवार करते है और यह शनि सिखाता है। साथ ही नैतिकता, पारदर्शीता, और तत्वज्ञान भी यह देता है । यह बरकत देता है।


मंगल(9) : यदि आपके पास चतुराई हो, अच्छी नियत हो , आप मे नैतिकता और पारदर्शिता हो , आप महेनत भी कर रहे हो परन्तु यदि आप के पास शक्ति और उत्साह की कमी हो तो कार्य होते होते रह जाता है और मंगल इसी उत्साह ,शक्ति और सत्ता का कारक है , वह उत्साह और आवेग से कार्य करना सिखाता है इसी लिए वह अधूरे काम पूरे करता है और जातीय जीवन मे उसका महत्वपूर्ण स्थान है। मंगल उत्तरदायित्व का वहन करता है।

                        आज के युग मे चतुर, अच्छी नियत वाले, महेनत ,प्रयत्न, नैतिकता, और पारदर्षिता रखने वाले ,उत्साह और ताकत के साथ अपना काम करने वाले लोगो की ही ज़रूरत और मांग है। इसी लिए जिसके पास 4,7,8,9 नंबर है वह सदैव भाग्यशाली है। तो कृपया अपने मन से ग्रहों से संबंधित वहम और मान्यताओं को निकाल दे और उचित दृष्टि से देखने का प्रयत्न करें।


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